Poetess Promila Devi Sutharsan Huidrom gets featured in Tokyo International Conclave
Poetess Promila Devi Sutharsan Huidrom has represented India in several International Platforms . Let us Read this Exclusive Poem representing the Culture of India in Collaboration with BB News.
अब युद्ध नहीं
ये युद्ध हुआ – विध्वंस हुआ –
कभी भूमि पर – कभी भूमि के लिए –
ये चित्र – चलचित्र सा
विध्वंस हुआ – आभास हुआ –
शांति की क्या याचना करें,
“बौद्ध” की क्या कल्पना करें –
हुआ विवेक – आदि – आदि –
ना हो ये अनादि – इत्यादि –
“काल – कंकाल” सा सुर बना करें –
हिंसा – अनीति का संदर्भ हुआ,
विराम – आराम कुछ न सूझे अभी –
युद्ध – युद्ध कहलाता है –
अब युद्ध नहीं – अब युद्ध नहीं –
बस यही आस की आसा है –
बाँध के बल से बाँधा हुआ
बाँध – बाँध के बाँधा हुआ
अब टूटा बाँध –
बाँधा टूटी –
बलशाली ही निमित्त रहा –
बल के बल से सम्मिलित रहा –
ये युद्ध कैसा – के हानि ही,
कहीं मुंड – कहीं देह –
कहीं प्राणी भी –
नियम – अनियम कुछ सधा हुआ –
बाँध का बल अब बँधा हुआ –
वीर न रुके – के अब ये –
युद्ध हुआ –
साहस, वीरता न सुषुब्ध हुआ –
शांति – मौन – कब भाता था –
हुआ – बहुत हुआ अब ये युद्ध,
और – अब युद्ध नहीं –
-प्रोमिला देवी सुदर्शन हुईद्रोम

